भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के कंसोर्टियम ने गुरुवार को शराब कारोबारी विजय माल्या और उनकी कंपनियों की सितंबर तक उच्चतम न्यायालय में मौजूदा स्वरूप में 4000 करोड़ रुपए के भुगतान की पेशकश खारिज कर दी। न्यायालय ने माल्या को 21 अप्रैल तक अपनी कुल परिसंपत्ति का खुलासा करने का निर्देश दिया। कंसोर्टियम ने उच्चतम न्यायालय से यह भी अपील की कि वह देश में माल्या की उपस्थिति सुनिश्चित करे ताकि यह प्रमाणित हो कि वह बकाया भुगतान के संबंध में गंभीर हैं। न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ और आर एफ नरीमन की पीठ ने माल्या और उनकी कंपनियों को 21 अप्रैल तक अपना जवाब सौंपने के लिए कहा जिसमें यह संकेत हो कि अपनी प्रामाणिकता साबित करने के लिए वह कितनी राशि उच्चतम न्यायालय में जमा कर सकते हैं। पीठ ने अगली तारीख 26 अप्रैल तय की।