मान्यता है कि लंका से अयोध्या की यात्रा में रामजी के पुष्पक विमान का छठा पड़ाव पड़ाव गंगा किनारे बना भारद्वाज आश्रम रहा। यहां विमान उतारने के पीछे माता सीता का भगवती गंगा नदी को दिया गया वचन कारण बना। जानकारों की मानें तो वनवास के दौरान यहां रुककर सीताजी ने गंगा से विनती की थी कि अगर रामजी, लक्ष्मण सहित वो सकुशल वनवास से अयोध्या लौंटेगी तो यहां रुककर पहले पूजा-अर्चना करेंगी। इस वचन को पूरा करने के लिए पुष्पक विमान यहां उतरा। गंगा स्नान और पूजा के बाद सभी भारद्वाज आश्रम गए। यहां विमान उतारते ही श्रीराम ने हनुमान को अयोध्या जाकर भरत से उनकी वापसी की बात बताने को कहा। हनुमान ये समाचार लेकर अयोध्या के नंदीग्राम चले गए। तब तक राम, सीता सहित बाकी सेना कुछ दिन आश्रम में ही रुके। फिर भारद्वाज ऋषि से आशीर्वाद लेकर विमान वहां से निकल गया। यहां पर आज भी भारद्वाज आश्रम है।