कोरोना महामारी के संक्रमण के बढ़ते खतरे पर रोकथाम के तमाम दावों के बीच सोमवार को देशभर में खुली शराब दुकानों पर जिस तरह से भीड़ बेकाबू हुई, वह कोरोना योद्धाओं के अब तक के अथक प्रयासों पर पानी फेरती दिखी। पेश है एक नजरिया राजस्थान पत्रिका के वरिष्ठ पत्रकार हरीश पाराशर की कलम से...नश्तर..मेहनत पर फिरती 'शराब'