रायबरेली- नबालिग मासूम बने मनरेगा के मजदूर

Bulletin 2020-05-28

Views 65

कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने मजदूरो को काम देने के लिए मनरेगा योजना को तेज गति दी। योजना के तहत जिले के भी हर ब्लॉकों में मनरेगा के तहत कार्य कराया जा रहा है। ताकि लॉकडाउन में श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया जा सके। इसके विपरीत सरकार की योजना में नाबालिगों के हाथ में फावड़ा देखने को मिला है जिसने जिला प्रशासन की पोल खोलकर रख दिया है। कॉपी-किताब वाले हाथों में मजदूरी का फावड़ा जिले के ऊंचाहार तहसील में प्रशासन के निर्देश पर सभी ग्राम पंचायतों में नाले एवं तालाबो की खुदाई का काम जॉब कार्ड धारकों से लिया जा रहा है। हैरान करने वाली बात ये कि ग्राम प्रधान जॉब कार्ड धारकों के साथ-साथ 13 से 17 वर्ष के बीच के नाबालिग बच्चों से भी मनरेगा के तहत काम ले रहे हैं। जिन बच्चों के हाथों में कॉपी और किताब होना चाहिए उनके हाथों में फावड़ा थमा दिया गया है। सेनेटाइजर और साबुन का भी नही है बंदोबस्त गौरतलब हो कि रोहनिया ब्लॉक के ग्रामसभा इटैली के ग्राम प्रधान पति द्वारा गांव के पास तालाब सौन्दरीकरण का कार्य मनरेगा के तहत करवाया जा रहा है। तालाब की खुदाई में लगभग सैकड़ों की संख्या में मजदूर कार्य कर रहे है। काबिले ग़ौर बात ये कि सरकारी काम में ही सरकार की एडवाइजरी की खुलकर धज्जियां उड़ रही हैं। किसी भी मजदूर के चेहरे पर न ही मास्क है और न ही सोशल डिस्टेंसिग का पालन हो रहा है। यही नही हैंडवाश के लिए सेनेटाइजर और साबुन का भी बंदोबस्त नही है।

Share This Video


Download

  
Report form
RELATED VIDEOS