शामली की बेटियों ने कैंडल मार्च निकालते हुए की फांसी की मांग

Patrika 2020-10-02

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बीजेपी सरकार का "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" का है यह नारा अब निर्भया और मनीषा के साथ ही दम तोड़ चुका है। अब इस नारे के कोई भी मायने नहीं रहे हैं। क्योंकि उत्तर प्रदेश में बेटियां सुरक्षित ही नहीं है। देश में निर्भया कांड के बाद हाथरस में एक लड़की के साथ गैंग रेप की वारदात को अंजाम दिया गया। घटना रूह कंपा देने वाली थी। क्योकि दरिंदो ने युवती के साथ गैंगरेप तो किया ही साथ में उसकी गर्दन की हड्डी तोड़ी ओर जीभ भी काट डाली थी। जिसमें घटना के 15 दिन बाद उसकी दिल्ली के एक हॉस्पिटल मौत भी हो गई थी। वही युवती की मौत के बाद अब शामली बेटियों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए मनीषा को इंसाफ़ दिलाने की ठान ली है। जिसके चलते शामली की बेटियों ने शिव चौक पर कैंडल मार्च निकालते हुए दोषियों को फांसी देने की मांग की है।
दरअसल हाथरस में जिस प्रकार से बेटी मनीषा के साथ दरिंदगी हुई है। उस दरिंदगी से पूरा देश बीजेपी सरकार पर और उसकी कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है। क्योंकि यही वह सरकार है जिसने देश में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दिया था। आज इस बीजेपी सरकार में ही बेटियों को खुलेआम कुचला जा रहा है। देश में रूह कंपा देने वाली पहली घटना निर्भर कांड रहा है। जिसके बाद अब हाथरस में एक दलित बेटी के साथ गैंग रेप की वारदात की गयी है। इतना ही नही गैंगरेप के साथ- साथ उसका कई बार गला दबाते हुए गर्दन की हड्डी तक तोड़ दी गयी और जीभ भी काट दी गई। हाथरस में दरिंदों ने हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए मनीषा को इस कदर नोचा की पूरा देश अब मनीषा के लिए न्याय मांग रहा है। जिसके चलते शामली की बेटियों ने आज शिव चौक पर कैंडल मार्च निकालते हुए हाथरस की बेटी मनीषा के साथ दरिंदगी करने वाले दरिंदों के खिलाफ फांसी की मांग की है।
शामली की बेटियों का कहना है कि हाथरस की बेटी दलित समाज की बेटी नहीं थी वह भारत की बेटी थी। जिस तरीके से भारत की बेटी को कुचला गया है। ऐसा किसी भी बेटी के साथ ना हो इसलिए हाथरस की घटना को अंजाम देने वाले सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें फांसी की सजा दी जाए।

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