नन्द के आनन्द भयो, जय कन्हैया लाल की, भये प्रकट गोपाला सरीखे जयकारों की गूंज घरों और मंदिरों में रही। जन्माष्टमी पर्व के बाद शुक्रवार को नन्द उत्सव मनाया गया। नन्द उत्सव की सचेतन झांकियां सजाई गई। ठाकुरजी का अिभषेक, पूजन, आरती कर भगवान कृष्ण के जन्म की खुशियां मनाई गई।