क्षेत्र के देईखेड़ा गांव में मेगा हाइवे के किनारे स्थित प्राचीन बावड़ी कभी क्षेत्र में ऐतिहासिक धरोहर के तौर पर अपनी पहचान रखती थी और गांव में आजादी के करीब तीन दशक बाद तक भी पेयजल का मुख्य स्रोत थी। अब जिम्मेदारों की उपेक्षा के चलते जीर्णशीर्ण हो गई है।