अपने भाई का अनुकरण कर सांसारिक जीवन के सुख त्याग एवं समर्पण के मार्ग पर अग्रसर खेरली कस्बे की बेटी मुमुक्षु नेहा जैन का वरसीदान वरघोडा बड़े धूमधाम से कस्बे के विभिन्न मार्गो से होकर निकाला। जिसे देखकर हर कोई श्रद्धावनत होकर मुमुक्षु की प्रशंसा करने से पीछे नहीं रहा।