नई दिल्ली: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो गई है। यूसीसी ड्राफ्ट कमेटी के सदस्य मनु गौड़ ने IANS से खास बातचीत में सरकार की मंशा, जनता के सुझावों और इसके फायदों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि 2022 के चुनाव में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी लागू करने का वादा किया था जिसे पूरा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना पी. देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति गठित की गई थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यूसीसी रीति-रिवाजों में बदलाव नहीं करेगा बल्कि विवाह पंजीकरण को अनिवार्य करेगा। बेटियों को संपत्ति में समान अधिकार देने को लेकर भी विचार किया गया है। लिव-इन रिलेशनशिप के मामलों पर समिति ने इसका पंजीकरण अनिवार्य करने की सिफारिश की जिससे धोखाधड़ी और उत्पीड़न रोका जा सके। जनसंख्या नियंत्रण को यूसीसी से अलग रखने पर उन्होंने बताया कि यह संविधान की समवर्ती सूची का विषय नहीं था लेकिन जनता की भावना सरकार को बताई गई। आदिवासियों को इससे अलग रखा गया क्योंकि उन्हें विशेष संवैधानिक अधिकार प्राप्त हैं।
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